माय महाराष्ट्र न्यूज:टमाटर की बढ़ती कीमत ने आम आदमी को झकझोर कर रख दिया है. इसी तरह लहसुन भी आम लोगों की आंखों से पानी लाने की तैयारी में है. कुछ शहरों में तो रेट 180 रुपये प्रति किलो
तक पहुंच गए हैं. पटना में कीमत 172 रुपये है, जबकि कोलकाता में यही रेट 178 रुपये तक पहुंच गया है. महाराष्ट्र में रेट 110 से 160 प्रति किलो के बीच पहुंच गए हैं. मार्च में खुदरा बाजार में लहसुन की कीमत 60 से 80 रुपये प्रति किलो थी.
पिछले साल थोक बाजार में लहसुन की कीमत काफी कम थी. मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडी में किसानों का लहसुन 5 से 8 रुपये प्रति किलो के भाव पर खरीदा गया. अच्छे दाम नहीं मिलने से परेशान सैकड़ों किसानों
ने उगाए गए लहसुन को सड़क पर फेंक दिया. निर्माताओं को भारी नुकसान हुआ था. कई किसान कर्जदार थे.इस साल थोक बाजार में किसानों का लहसुन 150 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है. इसलिए
किसान तो खुश है लेकिन इसके बाद खुदरा बाजार में पहुंच रहा लहसुन काफी महंगा नजर आ रहा है. पिछले अनुभव के कारण, कई किसानों ने इस वर्ष लहसुन की खेती की मात्रा घटाकर आधी कर दी है.
देश के कुल लहसुन उत्पादन का 62.85 प्रतिशत अकेले मध्य प्रदेश में होता है.मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, दिल्ली सहित दक्षिण भारत के कई राज्यों को लहसुन की आपूर्ति करता है. इसलिए,
जब मध्य प्रदेश में लहसुन महंगा हो जाता है, तो अन्य राज्यों में भी कीमतें सख्त हो जाती हैं.